उन्नाव: श्रीमद्भागवत कथा समापन के पश्चात विशाल भण्डारे के आयोजन।

 संवाददाता: जेबी सिंह

श्रीमद्भागवत कथा समापन के पश्चात विशाल भण्डारे के आयोजन में सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं ने पहुँच कर प्रसाद ग्रहण किया

भारतीय पत्रकार एवं मानवाधिकार परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जितेन्द्र बहादुर सिंह भी अपने संगठन के अधिवक्ताओं ,पत्रकारों, आरटीआई एक्टिविस्ट, सहित समाजसेवियों के साथ सम्मिलित होकर श्रीमद्भागवत कथा सुनने के पश्चात विशाल भण्डारे का प्रसाद ग्रहण किया

उन्नाव।सन्दाना में 30 मार्च से चल रही श्रीमद्भागवत कथा का भव्य आयोजन सफलता पूर्वक 6 अप्रैल तक पूर्ण हुआ इसके पश्चात 7 अप्रैल को विशाल भण्डारे का भी आयोजन किया गया , पण्डित प्रेम बाबू द्विवेदी कथा वाचक ने अपने सहयोगियों के साथ मिल कर कथा सुनाई जो बेहद प्रेरणा दायक साबित हुई उनके द्वारा श्रीमद्भागवतकथा सुनने के लाभ और विशेषताओं को गम्भीरता से बताया गया
जिससे कि सनातन समाज सकारात्मक भाव से भक्ति में अपना ध्यान लगा के पुण्य की प्राप्ति करें पण्डित प्रेम बाबू द्विवेदी ने कुछ इस प्रकार समझया श्रीमद्भागवत कथा एक पवित्र और प्राचीन हिंदू धर्मग्रंथ है, जो भगवान कृष्ण की लीलाओं और उनके उपदेशों का वर्णन करती है। यह कथा भगवान कृष्ण के अवतार और उनके जीवन की घटनाओं को बताती है, जो भक्ति और ज्ञान की महत्ता को दर्शाती है। कथा में भगवान कृष्ण की लीलाएं, उनके बचपन की घटनाएं, और उनके जीवन की महत्वपूर्ण घटनाएं बताई गई हैं। कथा में भक्ति और ज्ञान की महत्ता को दर्शाया गया है, जो जीवन के मूल्यों और उद्देश्यों को समझने में मदद करती है। कथा में आध्यात्मिक ज्ञान की गहराई को बताया गया है, जो आत्म-ज्ञान और आत्म-साक्षात्कार की ओर ले जाती है। कथा में नैतिक मूल्यों की शिक्षा दी गई है, जो जीवन में सही निर्णय लेने और उचित व्यवहार करने में मदद करती है।

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कथा को सुनने और समझने से आध्यात्मिक विकास होता है, जो आत्म-ज्ञानऔरआत्म-साक्षात्कार की ओर ले जाता है।कथा में नैतिक मूल्यों की शिक्षा दी गई है, जो जीवन में सही निर्णय लेने और उचित व्यवहार करने में मदद करती है।कथा को सुनने और समझने से मानसिक शांति मिलती है, जो जीवन की चुनौतियों का सामना करने में मदद करती है। कथा में भगवान कृष्ण की लीलाएं और उनके उपदेश बताए गए हैं, जो आत्म-विश्वास औरआत्म-सम्मान को बढ़ावा देते हैं।कुल मिलाकर, श्रीमद्भागवत कथा एक पवित्र और प्राचीन हिंदू धर्मग्रंथ है, जो आध्यात्मिक विकास, नैतिक मूल्यों की शिक्षा, मानसिक शांति, और आत्म-विश्वास को बढ़ावा देती है जिसे सुनने मात्र से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती हैं।


कथा में यजमान की भूमिका अंजनी कुमार त्रिपाठी ने अपनी पत्नी राधा त्रिपाठी के साथ प्रत्येक दिन श्रद्धा और भक्ति भाव से निभाई श्रीमद्भागवत के आमंत्रण और भण्डारे के निमंत्रण पर भारतीय पत्रकार एवं मानवाधिकार परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जितेन्द्र बहादुर सिंह संस्था के अधिवक्ताओं ,पत्रकारो,आरटीआई एक्टिविस्टो, सहित जाने माने प्रसिद्ध प्रख्यात समाजसेवियों के साथ भारी संख्या में चल रही भागवत दरबार मे सम्मिलित हुए माथा टेक कर सभी ने आशीर्वाद प्राप्त किया और भागवत समापन के पश्चात सभी श्रदालुओं व भक्तों के साथ प्रसाद ग्रहण किया ,भागवत के समापन के पश्चात विशाल भण्डारे में आस पास के ग्रामीणों सहित दूर दराज जिलों से भी तमाम प्रतिष्ठित जनो ने शुभ अवसर पर पहुँच कर प्रसाद ग्रहण किया ,कार्यक्रम का आयोजन राधेश्याम त्रिपाठी ,कौशल कुमार त्रिपाठी ,अंजनी त्रिपाठी, मुन्नू लाल त्रिपाठी ,सरस्वती त्रिपाठी, राधा त्रिपाठी, जनकलली त्रिपाठी,द्वारा एक साथ सामूहिक रूप से मिल कर किया गया , शुभ कार्यक्रम को सफलता पूर्वक पूरा कराने में मीनू उर्फ प्रियंका त्रिपाठी , सिद्धि त्रिपाठी,मोनिका बाजपेयी ,प्रवीण शंकर बाजपेयी, सचिन त्रिपाठी,गौरव त्रिपाठी, विपिन त्रिपाठी ,सहित पूरे त्रिपाठी परिवार ने अपनी अहम भूमिका निभायी जिसकी वजह से कार्यक्रम सफलता पूवर्क पूर्ण हुआ ।।