भारत का नाम रोशन करने वाली सुनीता विलियम्सजी को नमन
By: एम.एस. वर्मा (Crime diaries 9)
भारत का नाम रोशन करने वाली सुनीता विलियम्स जी को नमन,हमें आप पर गर्व हैं, नारी तू नारायणी, नमोस्तुते: Crime diaries 9. एम एस वर्मा.
उन्होंने दुनिया को सिखाया कि धैर्य, साहस और आत्मविश्वास के आगे कोई भी कठिनाई टिक नहीं सकती, जब मन में दृढ़ निश्चय हो, तो कोई भी चुनौती असंभव नहीं
भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स ने अपने अद्वितीय साहस और धैर्य के बल पर ही 9 महीने तक अकेले अंतरिक्ष में रहकर कठिनाइयों का सामना किया। अंधकार और अनिश्चितता के बीच, उन्होंने कभी हार नहीं मानी। जब तकनीकी खराबी ने उनकी वापसी में देरी की, तो भी उनका हौसला अडिग रहा। हर दिन, उन्होंने अपने डर को हराया और रिसर्च जारी रखी। उनका विश्वास था—"मैं लौटूंगी!" धरती पर लोग उनकी साहसिक यात्रा से प्रेरित हुए और यह संदेश मिला कि आत्मविश्वास और धैर्य के आगे कोई भी कठिनाई टिक नहीं सकती। अंततः, जब वह सुरक्षित धरती पर लौटीं, तो उनकी आँखों में खुशी के आंसू थे, लेकिन चेहरे पर वही आत्मविश्वास था, जिसने उन्हें इस यात्रा को सफल बनाने में मदद की।
भारत की बेटी की इस संघर्ष मय उपलब्धि और सफल बापसी पर वरिष्ठ पत्रकार crime diaries 9 के प्रोप. एम एस वर्मा मनोज ने बधाई एवं शुभकामनाएं दी और कहा, सम्मान वही है, जो आपसे सम्मानित होता है। आपके धैर्य, साहस और संपूर्णता को हम सलाम करते हैं, सुनीता जी। आपने सचमुच "नारी तू नारायणी" की प्राचीन परिभाषा को न केवल प्रमाणित किया, बल्कि उसे साकार भी कर दिखाया है। हम इन सभी को कोटि-कोटि नमन करते हैं और भारत की बेटी के धैर्य को प्रणाम करते हैं। ईश्वर उन्हें हमेशा उन्नति प्रदान करें और स्वस्थ रखें। "भारत का नाम रोशन करने वाली सुनीता विलियम्स जी के अदम्य साहस और धैर्य को नमन। उन्होंने दुनिया को सिखाया कि धैर्य, साहस और आत्मविश्वास के आगे कोई भी कठिनाई टिक नहीं सकती, जब मन में दृढ़ निश्चय हो, तो कोई भी चुनौती असंभव नहीं। लगभग नौ महीने तक अंतरिक्ष में अप्रत्याशित परिस्थितियों का सामना करने के बाद उनकी सुरक्षित वापसी हम सभी के लिए गर्व और हर्ष का विषय है। उन्होंने अपने संकल्प, समर्पण और अद्वितीय धैर्य से एक मिसाल कायम की है कि कोई भी चुनौती अडिग इच्छाशक्ति के आगे छोटी पड़ जाती है। उनकी इस अद्भुत संकल्पशक्ति और जज़्बे पर हमें गर्व है।
वर्मा ने आगे कहा,"आज़ पूरे मानव जगत और विज्ञान के लिए यह गर्व और उपलब्धि का विषय है। सुनीता विलियम्स के धैर्य और साहस की जीत को हम सादर नमन करते हैं। आज के भविष्य के लिए आप एक प्रेरणा स्रोत हैं। आपके अदम्य साहस और धैर्य को प्रणाम है। अंतरिक्ष में 9 महीने तक अकेले रहना आसान नहीं था, लेकिन सुनीता ने हिम्मत नहीं हारी। हर दिन उन्होंने खुद को मजबूत बनाए रखा, रिसर्च जारी रखी और इंतजार किया और अंततः वह दिन आया, जब उनके साथी उन्हें लेने पहुंचे। इतने कठिन दौर के बाद पृथ्वी पर लौटना एक ऐतिहासिक और गर्व का विषय है। यह विज्ञान की एक बड़ी जीत है, साथ ही उन वैज्ञानिकों और अंतरिक्ष एजेंसियों के लिए भी जिन्होंने महीनों तक पूरी लगन और निष्ठा से इस अभियान को सफल बनाने के लिए काम किया। उनकी शिक्षा, कर्मठता और उत्साह अत्यंत सराहनीय हैं। हम रियल सुपरमैन एलन मस्क का भी धन्यवाद अदा करते हैं, जिनकी वजह से यह असंभव कार्य संभव हो पाया।"
अंत में उन्होंने कहा, "श्रीमती सुनीता विलियम्स का 9 महीने तक अंतरिक्ष में रहकर धरती पर वापसी का सफर एक अद्भुत प्रेरणा है। इस खगोलीय विश्लेषण से विज्ञान और भी अधिक आगे बढ़ेगा। यह अद्भुत शक्ति, जो ईश्वर से प्राप्त हुई है, हमारे लिए ऐतिहासिक और गर्व का विषय है। आपकी बहादुरी और धैर्य की मिसाल सभी महिलाओं के लिए प्रेरणादायी है। सभी महिलाओं को बुद्धिमान, धैर्यवान और साहसी होना चाहिए ताकि वे हर परिस्थिति में अपने फैसले ले सकें और अपनी सुरक्षा स्वयं कर सकें। ऐसे समाज में अब कोई महिला को अबला नहीं कह सकता; किसी भी व्यक्ति को आँख उठाकर देखना हो, तो वे सशक्त और आत्मनिर्भर दिखेंगी। हम सब भारतवासियों के लिए यह गर्व की बात है कि सुनीता जी ने इस मिशन को सफलता से पूरा किया। उनके धैर्य और साहस को नमन है। आपकी सकुशल वापसी पर हम आपको हार्दिक शुभकामनाएँ और बधाई देते हैं। पूरे मानव जगत और विज्ञान के लिए यह एक महान उपलब्धि है। हम भारतीयों को आप पर गर्व है। नारी तू नारायणी, नमोस्तुते!